पह्ले किसी देश
को गूलाम
बनाने के
लिये आक्रमण
किया जाता
था ।
सैन्य हस्तक्षेप
से किसी
देश मे
राज़ किया
जाता था
। देश
बहुत महत्वपूर्ण
होता था
सम्राज्यवादी देश अलग से पहचान
लिये जाते
थे लेकिन
अब
सम्राज्यवाद बहुत व्यापक
हो गया
है और
यह अब
एक देश
तक सीमित
नही है अब सम्राज्यवादी देश की जगह मल्टीनेशनल
कम्पनियो ने
ले लिया
है। वैसे
तो चाहे
सम्राज्यवादी देश हो या मल्टीनेशनल
कम्पनी दोनो
का एक
मात्र लक्ष्य
मूनाफा ही
होता
है। सामजिक विकास या समाजिक
सुरक्षा से
इनका दूर
दूर तक
कोइ सम्बन्ध
नही होता
। लेकिन
पह्ले तक
सम्राज्यवाद देश दूसरे देश पर
प्रत्यक्ष शासन करता था । वर्तमान
समय नव
उदारवाद का
समय है
। अब
पूरी दुनिया
बाज़ार है
आदमी अब
आदमी नही
ग्राहक है
पह्ले भी
दो वर्ग
थे शोषक
तथा शोषित आज भी पूरे
दुनिया मे
दो ही
वर्ग है
फर्क बस
इतना है
की पह्ले
ये देशो
मे बटा
था
लेकिन आज हर देश मे
दो देश
है जो
वर्गो के
आधार पर
बटा है
।अब पूरी
दुनिया बाज़ार
है आदमी
अब आदमी
नही ग्राहक
है जो
केवल मूनाफे
का साधन
है ।
मल्टीनेशनल कम्पनियो को देश य
विदेश किसी
से कोई
मतलब नही
है ये
केवल मूनाफे
और लालच
को ही
जानते है
अब सरकारे
इनके हिसाब
से बनती
है चुनाव इनके हिसाब से होते है अपने वर्ग के हित के लिये इनकी राजनीतिक पार्टी और
इनके नेता होते है मीडिया पर इनका
एकाधिकार है जो जनता के दिमाग को नियन्त्रित करने का काम करती है लोकतन्त्र अब
लोकतन्त्र नही रहा चुनाव मे जनता प्रतिनिधी अपने अनुसार नही चुनती बल्की प्रतीनिधी
जनता पर थोपा जाता है इसके लिये पह्ले
मीडिया के द्वारा जनता पर दबाव बनाया जाता है और बाद मे पैसे के द्वारा लोक्सभा
चुनाव के पह्ले ही प्रधान्मन्त्री पद की दावेदारी करना इसी का उदाहरण है । आज के
नौजावानो को इस हकीकत को समझना होगा की घोडा और घास की दोस्ती कभी नही हो सकती है
और लालच और परोपकार एक साथ नही हो सकता मूनाफा और सामाजिक विकास एक साथ नही हो
सकता है और पून्जीवाद से समाज का भला कभी नही हो सकता है । याद रहे अगर नीतिया आपके
पक्ष मे हो तो देर सबेर इसका लाभ आपको ज़रूर मिलेगा लेकिन अगर नीतिया पून्जीवादी हो
तो इसका लाभ केवल पून्जीपतियो को ही मिलेगा । इस लिये इस पून्जीवाद को अब दफन करना
होगा । इस बार वोट डालने से पहले इस
मकड्जाल को ज़रूर समझ ले की नीतीया और आपका नेता किसके साथ है ।
Translate
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Don't forget to share
पिछले पोस्ट
-
एक बार एक सज्जन से मैंने पूछा ईश्वर कौन है ..... तो उसने कहा सृजनकर्ता ईश्वर है ........ तब से मैंने मज़दूर को ईश्वर समझना शुरु कर दिया । अ...
-
पूजा एक निजी विश्वास की पद्ध्ति है । हर धर्म के लोग , एक ईश्वर जिसे वह मानता है , उसकी पूजा करता है । अलग अलग जाति , गोत्र और परिवार की ...
-
आज सुबह एक मेरे मित्र ने मुझसे कहा की एस सी /एस टी को मुझे गाली देने का मन करता है क्योकि इनके वजह से हमको नौकरी नही मिल रही है , ये लोग ...
-
कभी अन्ना के साथ साथ आंदोलन करने वाले अरविंद केज़रीवाल जब आंदोलन से अलग होकर एक राजनीतिक पार्टी बनाई तो किसे ने उन्हे इतनी गम्भीरता से नही...
-
जब तक विपक्ष मे रहता हूँ ... मै समाजवादी रहता हूँ , लेकिन जब जनता मुझे समाजवादी समझ कर चुन लेती है जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै पूंजीवा...
-
28 सितम्बर 1907 को एक ऐसा बालक पैदा हुआ जो अपनी 23 साल के अल्पकालिक जीवन मे अंग्रेज़ी रियासत की चूले हिला दी । एक ऐसा नौजवान जो अगर ...
-
फेसबुक , ट्वीटर , गूगल + और अन्य वेबसाइटो मे हिंदी कैसे लिखे ? आज इण्टरनेट मे हिंदी की पकड बढते जा रहा है । ऐसे मे अगर आप को ह...
-
तेज़ी के साथ बदल रहे समय मे खुद का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है । लेकिन ज़रा सोचिये जब आप ही नही रहेंगे तो ये भाग दौड किस काम का । ...
-
आज के समय मे एक आम इंसान के मन मे यह धारणा बन गयी है की जो पार्टी जीतने लायक होगी उसे ही हम वोट करेंगे । दूसरे को वोट करने से हमारा वो...
-
पह्ले किसी देश को गूलाम बनाने के लिये आक्रमण किया जाता था । सैन्य हस्तक्षेप से किसी देश मे राज़ किया जाता था । ...
इन्हे भी देखे
-
एक बार एक सज्जन से मैंने पूछा ईश्वर कौन है ..... तो उसने कहा सृजनकर्ता ईश्वर है ........ तब से मैंने मज़दूर को ईश्वर समझना शुरु कर दिया । अ...
-
पूजा एक निजी विश्वास की पद्ध्ति है । हर धर्म के लोग , एक ईश्वर जिसे वह मानता है , उसकी पूजा करता है । अलग अलग जाति , गोत्र और परिवार की ...
-
आज सुबह एक मेरे मित्र ने मुझसे कहा की एस सी /एस टी को मुझे गाली देने का मन करता है क्योकि इनके वजह से हमको नौकरी नही मिल रही है , ये लोग ...
-
कभी अन्ना के साथ साथ आंदोलन करने वाले अरविंद केज़रीवाल जब आंदोलन से अलग होकर एक राजनीतिक पार्टी बनाई तो किसे ने उन्हे इतनी गम्भीरता से नही...
-
जब तक विपक्ष मे रहता हूँ ... मै समाजवादी रहता हूँ , लेकिन जब जनता मुझे समाजवादी समझ कर चुन लेती है जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै पूंजीवा...
-
28 सितम्बर 1907 को एक ऐसा बालक पैदा हुआ जो अपनी 23 साल के अल्पकालिक जीवन मे अंग्रेज़ी रियासत की चूले हिला दी । एक ऐसा नौजवान जो अगर ...
-
फेसबुक , ट्वीटर , गूगल + और अन्य वेबसाइटो मे हिंदी कैसे लिखे ? आज इण्टरनेट मे हिंदी की पकड बढते जा रहा है । ऐसे मे अगर आप को ह...
-
तेज़ी के साथ बदल रहे समय मे खुद का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है । लेकिन ज़रा सोचिये जब आप ही नही रहेंगे तो ये भाग दौड किस काम का । ...
-
आज के समय मे एक आम इंसान के मन मे यह धारणा बन गयी है की जो पार्टी जीतने लायक होगी उसे ही हम वोट करेंगे । दूसरे को वोट करने से हमारा वो...
-
पह्ले किसी देश को गूलाम बनाने के लिये आक्रमण किया जाता था । सैन्य हस्तक्षेप से किसी देश मे राज़ किया जाता था । ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें