एक बार एक सज्जन से मैंने पूछा ईश्वर कौन है ..... तो उसने कहा सृजनकर्ता
ईश्वर है ........ तब से मैंने मज़दूर को ईश्वर समझना शुरु कर दिया । अगर
दुनिया बनाने वाला ही ईश्वर है तो मजदूर ही है जो दुनिया बनाया है .....
अरे मंदिरो मे तो पत्थर रखे है अगर वो मंदिर सुंदर है वो पत्थर मे ईश्वर का
प्रतिबिम्ब दिखता है तो उसको तराशने वाला उस ईश्वर को बनाने वाला तो मजदूर
ही है ...................... अगर आप कहते हो पालनहार ही ईश्वर है तो मेरा
ईश्वर तो किसान है जो अन्न उगाकर कर मेरा पालन करता है । अगर फिर भी कहते
हो मै नास्तिक हूँ । तो ....... फिर कहते रहो..
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