साई भगवान थे , संत थे या इंसान थे या जो कुछ भी थे लेकिन आज के ये
जितने पाखंडी संत , भगवान या इन्सान है उनसे तो लाख गुना अच्छे थे । एयर
कंडीसनर बंगलो मे रहने वाले दुनिया के तमाम ऐशो आराम को भोगने वाले ये जो
संत बनते है जिनके मुह से नफरत के अलावा कोई बात नही निकलती उनको तो पूरी
उम्र गरीबी मे ज़ीने वाले और प्रेम का संदेश देने वाले साई के बारे मे
बोलने मे भी शर्म आनी चाहिये । जहा देश महगाई बेरोजगारी और तमाम समस्याओ से
ग्रस्त हैं वहा इस प्रकार के बेतुक मुद्दो को पैदा करना .... जनता को
मुद्दो से भटकाने के अलावा और कुछ नही है ।
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