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बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

ये सवाल आपका है और देश का भी.......

बहुत ही खेद के साथ कहना पड रहा है कि हमारे अमन पसंद देश मे कुछ लोगो के द्वारा जहर घोला जा रहा है । मै इस समय कुछ ऐसी बेतुकी घट्नाओ को देख रहा हूँ । जिसमे मामला बहुत छोटा या द्विपक्षीय है वो भी दंगो की शक्ल ले ली रही है यह मामला बेहद गम्भीर है की आज के इस आधुनिक समाज मे भी क्या कोई अपनी जाति या धर्म के लिये इतना कट्टर हो सकता है । इस समय मै सोशल मीडिया मे देख रहा हूँ कि प्रोफाइल फोटो मे तो एक दम कोट शूट लगा कर एकदम सभ्य दिखने की कोशिश करते हैं लेकिन जब ये पोस्ट लिखते हैं की....... मै कट्ट्रर हिंदु हूँ ।....... कोई लिखता है मै कट्ट्रर मुसलिम हूँ ... कोई लिखता है इस धर्म वालो को काटो तो ....कोई कहता है उस धरम वालो को काटो ......
ये बेशर्म लोग इतने मे ही नही रुकते जो लोग अमन चैन के साथ रहना चाह्ते है या कहे धर्म निरपेक्ष या सेकुलर हैं उन्हे फेकुलर , नामर्द , पाकिस्तानी या तरह तरह से फेसबूक मे गाली देकर या दूसरे तरीके से उकसाते हैं ।
क्या सभी विवादो का हल दंगा ही है या मारने काटने से ही ये हल हो सकता है .... जो ये सोचते हैं की दंगा से ही हल निकलेगा या ऐसे लोग जो की गर्व से अपने को कट्ट्रर हिंदू या कट्ट्रर मुस्लिम कहते हैं और हर हाल मे लडाई चाहते है जिनका खून बहुत ही ज्यादा ऊबाल मार रहा है । वे लोग एक बडे से मैदान मे इकटठा हो जाये और जितना खून खराबा करना है कर ले क्योकि यही लोग एक दूसरे के धर्म के भी दुश्मन है और मानवता के भी .... क्यो बे वजह समाज मे गंदगी कर रहे हो तुम्हारे कारण बेगुनाह भी मारा जाता है ।
मै सभी लोगो से आपील करता हूँ की कही भी अगर धर्म जाति की कोई बात करता है या आपको उकसाता है तो आप उसकी बातो मे बिल्कुल भी न आये क्योकि वो आपके धर्म या जाति का हितैशी बिल्कुल भी नही है बल्की वह राजनीति कर रहा है आपके धर्म या जाति के नाम पर क्योकि उसे सत्त्ता तक पहुचना है । ये राजनीति करने वाले न कभी दंगे मे मारे जाते हैं और ना ही दंगो मे इनके बहु बेटियो का बलात्कार होता है.... बल्कि दंगो के परिणाम आपको ही झेलना है ।
इसलिये ज़रा सतर्क रहिये और इस बारे मे गम्भीरता से सोचिये ।
धन्यवाद

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