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बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

अंधेर नगरी ......................

पहले जब कभी कभी किसी राज्य का राजा अपने राज्य मे राज्य की दशा देखने के लिये निकलता था तो भेष बदल कर निकलता था क्योकि उसे लगता था की जब आम आदमी बन कर जाउंगा तभी हकीकत मालूम होगी । औचक निरीक्षण से ही पर्दाफास होता है । दिल्ली मे स्थित बाल्मिक सदन जहा कभी महात्मा गांधी रह चुके है वहा से 2 अक्टुबर को प्रधानमंत्री जी सफाई अभियान की शुरुआत करेंगे । कल एन डी टी वी मे रविश कुमार ने एक रिपोर्ट दिखाई की कैसे वहा अभी से ही साफ सफाई , दीवालो की रंगाई , और बाल्मिक मंदिर मे टाईल्स बिछ रहा है । मतलब जब प्रधानमंत्री यहा आएंगे तब तक मे ये एकदम साफ सुथरा और चमक रहा होगा । फिर उस समय मीडिया की भीड यह दिखाईगी की कैसे एक साफ जगह को प्रधान मंत्री जी साफ कर रहे है । वाकई अचरज की बात है इस समय देखा जा रहा है मंत्री लोग कैसे झाडू लेकर फोटो शूट करा रहे हैं ।
अगर वो इस अभियान मे गम्भीर हैं तो अपने बंगलो से सफाई कर्मचारियो को निकाल दे और अपना काम खुद करे । नही तो सिर्फ फ़ोटो शूट कराने से अभियान सफल नही होगा ।
अभियान सफल करना है तो यह सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिये की गंदगी जो करेगा साफ भी वही करेगा । नही तो जैसे हजारो साल ये रीति बना दी गयी है की गंदगी साफ करने और सफाई के लिये एक विशेष समुदाय को लगा दे । ये कैसा समाज है की जहा गंदगी करने वाले श्रेष्ठ माने जाते है और उस गंदगी को साफ करने वाले अछूत माने जाते है ........... वाह रे दोगला समाज .........

नोट : ‌ - यही समाज के लोग हैं जो अपने आप को विश्व गुरु भी कहते हैं ।

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