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बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

राष्ट्र्वाद भी एक नशा ही है ....

राष्ट्र्वाद भी एक नशा ही है ....
जिसका सरकार भी बडे अच्छे तरीके से इस्तेमाल करती है । जब जनता गरीबी , बेरोजगारी , और महगाई पर बहस करने लगती है तो उससे उबरने का रास्ता यही है , किसी पडोसी देश से बैर करलो । जनता सारी समस्या भूल जायेगी , शासक के सारी गलती माफ हो जायेगी ,जनता भले भूख से तडप रही हो पर सपने पडोसी देश को सबक शिखाने के ही देखेंगे । राष्ट्रवाद का नशा ही कुछ इस प्रकार का होता है ।
अभी पाकिस्तान के हालात कुछ ऐसे ही हैं की वहा की सरकार बाकि मुद्दो को दबाने के लिये सेना ने सरहद पर हरकते तेज़ कर दी है । जिसमे भारत की स्थिती समझना बाकी है ।
जब दो देश आपस मे युध्द करे तो कारण एक यह भी हो सकता है की कैसे जनता का ध्यान भटकाया जाये इसमे दोनो देशो के शासको का भला हो जाता है और जनता हमेशा की तरह मार खाती है ।

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