जब तक विपक्ष मे रहता हूँ ... मै समाजवादी रहता हूँ ,
लेकिन जब जनता मुझे समाजवादी समझ कर चुन लेती है
जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै पूंजीवादी हो जाता हूँ।
मै भारतीय राजनीति का चरित्र हूँ ... मै नही सुधरने वाला ।
लेकिन जब जनता मुझे समाजवादी समझ कर चुन लेती है
जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै पूंजीवादी हो जाता हूँ।
मै भारतीय राजनीति का चरित्र हूँ ... मै नही सुधरने वाला ।
जब तक विपक्ष मे रहता हूँ... मै स्वदेशी के नारे लगाता हूँ ,
लेकिन जब जनता मुझे राष्ट्रवादी समझ कर चुन लेती है ।
जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै विदेशी निवेश का ढोल बजाता हूँ
मै भारतीय राजनीति का चरित्र हूँ ... मै नही सुधरने वाला ।
जब तक विपक्ष मे रहता हूँ... मै व्यवस्था परिवर्तन की हुंकार भरता हूँ ,
लेकिन जब जनता मुझे क्रांतिकारी समझ कर चुन लेती है ।
जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै पूंजीपतियो के तलवे चाटता हूँ ,
मै भारतीय राजनीति का चरित्र हूँ ... मै नही सुधरने वाला ।
लेकिन जब जनता मुझे राष्ट्रवादी समझ कर चुन लेती है ।
जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै विदेशी निवेश का ढोल बजाता हूँ
मै भारतीय राजनीति का चरित्र हूँ ... मै नही सुधरने वाला ।
जब तक विपक्ष मे रहता हूँ... मै व्यवस्था परिवर्तन की हुंकार भरता हूँ ,
लेकिन जब जनता मुझे क्रांतिकारी समझ कर चुन लेती है ।
जैसे ही सत्ता मिलती है .. मै पूंजीपतियो के तलवे चाटता हूँ ,
मै भारतीय राजनीति का चरित्र हूँ ... मै नही सुधरने वाला ।
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