मुझे आपकी ज़रुरत
है ......
मेरे
तकलीफ को
सुनने के
लिये ....
मैने सुना है
आप काफी
समझदार हो...
आपके पास तमाम
एशो आराम
के साधन
है......
मेरे पास केवल
मेरा परिवार
है और
थोडी ज़मीन
है
जिसे मेरे बाबा
ने जोता
दादा ने
जोता
अब मै इसे
जोतकर अपना
और परिवार
का पेट
भरता
हू
आप कहते हो
इस
ज़मीन मे लाखो करोडो का
खनिज दबा
है
आप कहते हो
की आपकी
ज़मीन का
अधिग्रहन हो
गया है
मै कह्ता हू
मेरे से
बिन पूछे
मेरी ज़मीन
कैसे ले
सकते हो
मै वो घर
कैसे छोड
सकता हु
जिसमे मेरा
बचपन बीता
है
मेरे मा बाप
ने आखिरी
सान्स ली
है मै
अपनी ज़ामीन
नही दून्गा
ये अन्याय
है
आप कह्ते हो
इससे विकास
होगा तरक्की
होगी यहा
उद्योग खुलेगा
आप कहते हो
ज़मीन नही
छोडे तो
पुलिस भेजेन्गे
मै अगर पुलिस
से लडता
हु तो
आप सेना
भेजोगे
कोर्ट मे मेरे
खिलाफ़ केस
चलेगा मै
देश द्रोही
हो जाता
हू
मै डर कर
ज़मीन छोड
देता हू
परिवार पालने
के लिये
शहर आ
जाता हू
मै झुग्गी बना
कर परिवार
पालता हू फिर आप कह्ते
हो ये
अवैध बस्ती है
मेरी झुग्गी पर
बुल्डोजर चल
जाती है मै कहता हू
ये अन्याय
है
आप कह्ते हो
इससे विकास
होगा तरक्की
होगी
यहा नई कलोनिया बनेगी
मै फुटपाथ पर
आ जाता
हू
एक दिन एक
रईसज़ादे की
गाडी फुटपाथ
पर
सोते हुवे मेरे परिवार
के ऊपर
चढ जाती
है
मेरा परिवार उसी
फुटपाथ पर
मर जाते
है
मै कहता हू
ये अन्याय
है
आप कहते हो
फुटपाथ सोने
के लिये
थोडे न
बना है
लेकिन आप शर्मिन्दा
न हो
मै ज़िन्दा
हू
मै आदिवासी हू
कल भी
था कल
भी रहून्गा
शायद मेरे विनाश
से ही
आपका विकास
होगा
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