500 करोड रु के लागत से बनने वाले अम्बेडकर पार्क का उस समय मीडिया और
मनुवादी लोग खूब विधवा विलाप किये थे की ये सरकारी खजाने के पैसे का
दुरुपयोग है । जबकी उस पार्क मे लोग घूम सकते है ,बैठ सकते है और आराम कर
सकते है आज वही मीडिया और मनुवादी 2500 करोड रु के लागत से बन रहे पटेल की
प्रतिमा को देश क गौरव बता रहे है और उनके नाम पर एक से एक स्वान्ग रचा
रहे है । वाह रे दोगला नजरिया एक करे तो बलत्कार और दूसरा करे तो चमत्कार ।
फिर एक बार साबित हो गया की ये मीडिया दलित विरोधी और घोर जातिवादी है मै
पटेल जी के प्रतिमा क विरोध नही करता पर इस दोगली व्यव्स्था और नजरिये का
विरोध जरुर करता हू । सुना हू लोहा भी मांगा जा रहा है ठीक ही है कुछ
मूर्ती मे काम आयेगा और कुछ त्रिशूल बनाने मे ।
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